आज रोने दो ...
मालूम था ये दिन भी आएगा ,
मगर ये नहीं के क्या दे जाएगा,
वो हंसी अब सिर्फ कानों में गूंजेगी,
कोई गुंचा अब सपनों में गून्थेंगे ,
वो दोस्ती अब सिर्फ किताबी पन्नों में रहेगी ,
वो यादें अब हम जीते रहेंगे ...
बचाके रखे थे आंसू ....
स्याहियों में उलझकर आज खोने दो,
मन कहता है मेरा, आज रोने दो ...
बातें वो इस चेहरे पे मुस्कान ले आती थी ,
गाना वो तुम्हारा दिल में उतर जाता था,
इंतज़ार करते थकते नहीं थे कभी ,
मदद करने में कमी रखते नहीं थे कहीं ...
वो साथ, वो दोस्ती, अब किताबी पन्नों में रहेगी,
उस चेहरे पे आज गम की कलियाँ खिलने दो,
बचाके रखे थे आंसू ...
स्याहियों में उलझकर आज खोने दो,
मन कहता है मेरा, आज रोने दो ...
कहना था बहुत कुछ ,
पर दिल कमज़ोर है थोडा ,
बातें ज़बां पे लाने की फितरत नहीं है इसकी ,
समझ जो जाते थे वो दोस्त बिना कुछ कहे ,
खामोशी बनाये रखने की वो आदत जो इसकी,
दिल कहता है अब ये चुप्पी तोड़ने दो ...
बचाके रखे थे आंसू ...
स्याहियों में उलझकर आज खोने दो,
मन कहता है मेरा, आज रोने दो ...
मगर ये नहीं के क्या दे जाएगा,
वो हंसी अब सिर्फ कानों में गूंजेगी,
कोई गुंचा अब सपनों में गून्थेंगे ,
वो दोस्ती अब सिर्फ किताबी पन्नों में रहेगी ,
वो यादें अब हम जीते रहेंगे ...
बचाके रखे थे आंसू ....
स्याहियों में उलझकर आज खोने दो,
मन कहता है मेरा, आज रोने दो ...
बातें वो इस चेहरे पे मुस्कान ले आती थी ,
गाना वो तुम्हारा दिल में उतर जाता था,
इंतज़ार करते थकते नहीं थे कभी ,
मदद करने में कमी रखते नहीं थे कहीं ...
वो साथ, वो दोस्ती, अब किताबी पन्नों में रहेगी,
उस चेहरे पे आज गम की कलियाँ खिलने दो,
बचाके रखे थे आंसू ...
मन कहता है मेरा, आज रोने दो ...
कहना था बहुत कुछ ,
पर दिल कमज़ोर है थोडा ,
बातें ज़बां पे लाने की फितरत नहीं है इसकी ,
समझ जो जाते थे वो दोस्त बिना कुछ कहे ,
खामोशी बनाये रखने की वो आदत जो इसकी,
दिल कहता है अब ये चुप्पी तोड़ने दो ...
बचाके रखे थे आंसू ...
स्याहियों में उलझकर आज खोने दो,
मन कहता है मेरा, आज रोने दो ...
dedicated to the last day at school.
Comments
I'll remember all the good times we had, forever :D
but in my case it was the last day of exam :)
It was 2002 when i passed out of school and i still miss it like anything:)